Toll Tax – अगर आप अक्सर हाईवे पर गाड़ी लेकर सफर करते हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। भारत सरकार एक नई टोल टैक्स पॉलिसी लाने जा रही है जिसमें अब टोल टैक्स फिक्स नहीं होगा, बल्कि आप जितना चलेंगे उतना ही भुगतान करेंगे। जी हां, अब टोल की रकम किलोमीटर के हिसाब से कटेगी। इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जो सिर्फ थोड़ी दूरी तक ही सफर करते हैं और पहले की तरह फुल टोल नहीं देना पड़ेगा।
फास्टैग सिस्टम की जगह अब ज्यादा स्मार्ट टेक्नोलॉजी
फिलहाल देश में फास्टैग के जरिए टोल वसूली हो रही है। इससे पहले मैनुअल पेमेंट होता था जिसमें टोल बूथ पर लंबी लाइनें लगती थीं, लेकिन फास्टैग आने से ये दिक्कत काफी हद तक कम हो गई। अब सरकार इससे भी एक कदम आगे बढ़ रही है और ऐसा सिस्टम ला रही है जिससे न तो आपको रुकना पड़ेगा, न ही फास्टैग रिचार्ज की टेंशन होगी।
नई पॉलिसी का आधार – जितना सफर, उतना टैक्स
सरकार जिस नई टोल व्यवस्था पर काम कर रही है उसका नाम है किलोमीटर बेस्ड टोल कलेक्शन। इसका मतलब है कि अब हर वाहन की यात्रा की दूरी मापी जाएगी और उसी के हिसाब से टोल कटेगा। अब तक जो सिस्टम चल रहा है उसमें भले ही आपने एक किलोमीटर चलाया हो या पचास, टोल उतना ही लगता है। लेकिन नई नीति के तहत यह फिक्स चार्ज खत्म हो जाएगा।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम
नई टोल व्यवस्था में एक हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा जिसे ANPR यानी ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कहा जाता है। हर गाड़ी की नंबर प्लेट को कैमरे से स्कैन किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि आपने कहां से एंट्री ली और कहां तक सफर किया। इसके आधार पर टोल की राशि तय होगी और सीधे आपके बैंक अकाउंट से कट जाएगी।
बैंक खाते से सीधे पेमेंट – अब रिचार्ज की झंझट खत्म
इस नए सिस्टम की एक और खास बात है कि इसमें फास्टैग की तरह बार-बार रिचार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सिस्टम आपके बैंक खाते से डायरेक्ट पेमेंट कर देगा। जैसे ही आप टोल प्लाजा पार करेंगे, दूरी के हिसाब से पैसे अपने आप कट जाएंगे। आपको ना कुछ स्कैन करना होगा, ना कोई ऐप खोलना पड़ेगा। सब कुछ ऑटोमैटिक होगा।
वार्षिक फास्टैग का भी विचार
सरकार एक नया कांसेप्ट भी ला सकती है जिसे ‘वार्षिक फास्टैग’ कहा जा रहा है। इसमें वाहन मालिक साल में एक बार एक निश्चित रकम भर देंगे और पूरे साल टोल की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। यह सुविधा उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो रोजाना लंबी दूरी का सफर करते हैं, जैसे ट्रक ड्राइवर या ऑफिस जाने वाले लोग।
कब से लागू होगी यह नई नीति
अब सवाल उठता है कि ये नया सिस्टम कब से शुरू होगा। फिलहाल सरकार इस पर टेस्टिंग कर रही है और कुछ चुनिंदा हाईवे पर इसे ट्रायल के तौर पर शुरू किया जा सकता है। इसके बाद धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाएगा। हालांकि, अभी तक इसकी कोई फिक्स तारीख सरकार ने घोषित नहीं की है।
छोटी दूरी वालों को फायदा
जो लोग केवल पास के शहर या कस्बे तक जाते हैं, उनके लिए यह नया सिस्टम बहुत फायदेमंद होगा। उन्हें पहले की तरह पूरा टोल नहीं देना होगा। मान लीजिए आपने सिर्फ दस किलोमीटर का सफर किया है, तो उसी के हिसाब से थोड़ी सी ही रकम कटेगी। इससे हर सफर किफायती बन जाएगा।
इससे क्या होंगे फायदे
- छोटे सफर वालों को बड़ी राहत
- पारदर्शी और ऑटोमैटिक प्रक्रिया
- फास्टैग रिचार्ज का झंझट खत्म
- टोल चोरी की संभावना होगी कम
- समय की बचत क्योंकि रुकना नहीं पड़ेगा
सिस्टम का असर कहां-कहां पड़ेगा
इस नई व्यवस्था से न सिर्फ गाड़ी चालकों को राहत मिलेगी बल्कि सरकार के टोल कलेक्शन में भी पारदर्शिता आएगी। हर गाड़ी की एंट्री और एग्जिट पर नजर रहेगी, जिससे किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो पाएगी। साथ ही, टोल चोरी जैसी समस्या भी काफी हद तक खत्म हो जाएगी।
यह भी पढ़े:

आखिर में एक सलाह
चूंकि ये नीति अभी पूरी तरह लागू नहीं हुई है, इसलिए वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे ऑफिशियल सरकारी घोषणाओं का इंतजार करें और किसी अफवाह पर भरोसा ना करें। ये बदलाव आपकी जेब और सफर दोनों को बेहतर बनाने के लिए लाए जा रहे हैं, लेकिन सही जानकारी रखना जरूरी है।
नई टोल टैक्स नीति से आम जनता को काफी राहत मिलेगी। जो लोग अब तक कम दूरी तय करने के बाद भी ज्यादा टोल भरते थे, उन्हें अब पैसे बचाने का मौका मिलेगा। पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी, झंझट कम होंगे और सफर आसान होगा। अब देखना यह है कि यह नई व्यवस्था देशभर में कब तक लागू होती है और लोगों को इसका कितना फायदा मिलता है।