CIBIL Score New Rule – अगर आपका CIBIL स्कोर खराब है और बार-बार लोन रिजेक्ट हो रहा है, तो अब आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम जनता की सुविधा के लिए सिबिल स्कोर और लोन अप्रूवल से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इन नए नियमों के तहत अब बैंक मनमर्जी से आपका लोन रिजेक्ट नहीं कर सकते।
तो अगर आप होम लोन, पर्सनल लोन या फिर क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके बहुत काम की है। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में आसान और कैजुअल भाषा में, ताकि आपको सब कुछ एक बार में समझ में आ जाए।
क्या है सिबिल स्कोर और क्यों है जरूरी?
CIBIL स्कोर एक तरह का नंबर होता है जो यह बताता है कि आपने पहले कितनी जिम्मेदारी से लोन चुकाया है। स्कोर जितना ज्यादा होगा, बैंक को उतना भरोसा होगा कि आप लोन समय पर चुका पाएंगे।
लेकिन अब RBI ने फैसला लिया है कि सिर्फ स्कोर के आधार पर लोन रिजेक्ट नहीं किया जाएगा। अगर स्कोर थोड़ा कम भी है, तब भी आपको लोन मिल सकता है – लेकिन कुछ शर्तों के साथ।
RBI के नए नियम क्या कहते हैं?
1. लोन रिजेक्ट करने पर बैंक को बताना होगा कारण
अगर आपका लोन रिजेक्ट किया जाता है, तो बैंक अब आपको उसका पूरा कारण बताने के लिए बाध्य होंगे।
- बिना कारण बताए बैंक लोन रिजेक्ट नहीं कर सकते।
- हर महीने बैंक को RBI को लोन रिजेक्शन की रिपोर्ट भेजनी होगी।
2. कम स्कोर पर भी मिलेगा लोन
अब अगर आपका सिबिल स्कोर कम है, फिर भी आप लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- अगर आपने पहले EMI ठीक से चुकाई है, या जॉब स्टेबल है, तो बैंक को आपका केस दोबारा देखना पड़ेगा।
- केवल स्कोर ही निर्णायक नहीं होगा।
3. क्रेडिट कार्ड की रिपोर्ट आप खुद चेक कर सकते हैं
अब सभी ग्राहकों को यह अधिकार है कि वे अपने क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन और रिपोर्ट खुद देख सकें।
- बैंक या क्रेडिट ब्यूरो को एक लिंक देना होगा जहां से आप पूरी रिपोर्ट देख सकते हैं।
- अगर कोई गलती है तो आप उसे सुधार सकते हैं।
4. शिकायतों का हल समय पर देना होगा
अगर आपने कोई शिकायत की है तो:
- बैंक को 21 दिन के अंदर
- और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन के अंदर
उसका समाधान करना होगा।
अगर ऐसा नहीं हुआ, तो बैंक या संस्था पर ₹100 प्रति दिन जुर्माना लगेगा।
ग्राहकों को अब मिलेंगे ये अधिकार
RBI की गाइडलाइन के बाद अब हर ग्राहक को ये अधिकार दिए गए हैं:
- बैंक लोन रिजेक्ट करे तो कारण देना होगा।
- क्रेडिट कार्ड में गलती हो तो आप उसे ठीक करवा सकते हैं।
- बैंक मनमानी नहीं कर सकते कि किसे लोन देना है और किसे नहीं।
डिफॉल्टर घोषित करने से पहले चेतावनी जरूरी
अगर कोई व्यक्ति लोन नहीं चुका पाया है और बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित करना चाहता है, तो अब उसे पहले लिखित में कई बार चेतावनी देनी होगी।
- सीधे डिफॉल्टर घोषित नहीं किया जा सकता।
- ग्राहक को पहले ईमेल, मैसेज या कॉल से सूचित करना होगा।
इससे वो ग्राहक भी बच पाएंगे जिनके पास जानकारी नहीं होती और गलती से डिफॉल्टर बन जाते हैं।
सिबिल स्कोर ऐसे करें चेक
अब आप घर बैठे CIBIL स्कोर चेक कर सकते हैं।
- बैंक या एनबीएफसी की वेबसाइट पर जाकर
- ईमेल या SMS के जरिए
- RBI निर्देशों के अनुसार, हर व्यक्ति को साल में एक बार फ्री रिपोर्ट मिलनी चाहिए।
नए नियमों का फायदा किन्हें मिलेगा?
- जिनका स्कोर कम है
- जिन्हें बार-बार लोन रिजेक्ट किया गया
- जो पहली बार लोन ले रहे हैं
- क्रेडिट कार्ड यूजर्स
RBI के इन नए नियमों से अब आम आदमी को लोन लेना पहले से आसान हो गया है। बैंक की मनमानी पर लगाम लगेगी और ग्राहक को भी अपने अधिकारों की जानकारी होगी।
अब चाहे आपका सिबिल स्कोर थोड़ा डाउन है, लेकिन अगर बाकी चीजें ठीक हैं – जैसे नौकरी पक्की है, EMI भरने की क्षमता है – तो बैंक को आपको लोन देना ही होगा। और अगर नहीं देंगे तो कारण बताना पड़ेगा, नहीं तो उन पर भी जुर्माना लगेगा।